पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने क्रिकेट पाकिस्तान के साथ बातचीत में कहा कि पीसीबी ने खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियों को भेजने का फैसला किसी तरह की ‘दुर्घटना’ या विवाद से बचने के लिए किया था।
जका ने कहा, ‘मेरे कार्यकाल के दौरान हमारी टीम भारत के दौरे पर गई थी। मैंने सलाह दी कि सभी खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियों को जाना चाहिए। यह फैसला इस वजह से किया गया ताकि कोई विवाद न हो चूंकि भारतीय मीडिया हमेशा इसकी तलाश में रहता है। पत्नियों को भेजने का एक मकसद यह भी था कि खिलाड़ियों पर नजर रखी जा सके।’
पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उस वक्त भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पड़ोसी देश आकर द्विपक्षीय सीरीज खेलने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कई बार इसकी कोशिश की लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
उन्होंने कहा, ‘हमें क्रिकेट स्थापित करने को लेकर भारत सरकार से हमेशा बातचीत करने की कोशिश करते रहना चाहिए। सबसे बड़ा फायदा यह है कि जनरल बाजवा इस पोजीशन पर हैं और वह खुद पाकिस्तानी क्रिकेट को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। उन्होंने हमें एक छोटी सी सीरीज के लिए बुलाया था और हम वहां गए। मैं उस समय के बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन से मिला भी था। उन्होंने वादा किया था कि अगर फुलप्रूफ सुरक्षा दी जाए तो वह पाकिस्तानी धरती पर सीरीज खेलने के लिए राजी हैं।’