यह वीडियो प्रदर्शन का है, जिसमें एक महिला रो-रोक अपनी व्यथा बता रही है। वह रोते हुए कहती है, ‘कितना गलत हो रहा है हमारे साथ। घर से कोई सुबह ड्यूटी करने जाता है और शाम को उसकी लाश घर आती है। हम 1990 से यह सब झेल रहे हैं। हम बच्चे को पढ़ाकर अच्छे पद तक पहुंचाते हैं और फिर हमारे साथ यह होता है। हमारे बच्चे क्या करेंगे हमें पता नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 12 मई यानी गुरुवार शाम को चडूरा गांव में स्थित तहसीलदार ऑफिस में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 36 साल के राहुल भट्ट पर गोलियां बरसा दी थीं। राहुल को हमले के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। राहुल भट्ट की हत्या के बाद से विरोध कर रहे हिंदू समुदाय और कश्मीरी पंडितों का कहना है कि हमको जान-बूझकर निशाना बनाया जा रहा है।