हार से हताश हैं सविता पूनिया
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विवादास्पद मैच में भारत को मिली हार के बाद कप्तान सविता पूनिया काफी हताश हो गईं। हालांकि मुकाबले के बाद उन्होंने कहा कि, ‘इस हार से उबरने में हमें थोड़ा समय लगेगा। यह एक करीबी मैच था। हमने कड़ी मेहनत की थी लेकिन अब हमारे पास ब्रॉन्ज मेडल के लिए आखिरी मौका है।’
उन्होंने कहा, ‘एक कप्तान और एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर मेरी यह जिम्मेदारी बनती है कि मैं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर करूं। मैं अब इस हार को भुलाकर चाहती हूं कि टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले के लिए तैयारी करें। ब्रॉन्ज मेडल के लिए यह मैच हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
टीम इंडिया के कोच जताई नाराजगी
पेनल्टी शूटआउट में विवादित फैसले के कारण भारतीय टीम की कोच जेनेके शॉपमैन ने भी अपनी नाराजगी जताई है। कोच का मानना है कि शूटआउट विवाद के बाद खिलाड़ियों के मनोबल पर इसका असर पड़ेगा। इस गलती के लिए आयोजकों के पास कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही हूं कि जब यह गलती सामने आई तो ऑस्ट्रेलिया ने भी इसकी शिकायत नहीं की। हर कोई दूसरे मौके के लिए सहमत था। यहां तक की अंपायर भी नहीं इस चीज को नहीं समझ पाए।’
टीम के कोच ने कहा, ‘यह बहुत ही मुश्किल है, मुझे लगता है कि 1-0 से बढ़त के साथ और गति के साथ आगे बढ़ते हुए, मेरे पास 5 खिलाड़ी थे जो वापसी करा सकते थे लेकिन इस घटना उनका ध्यान भी प्रभावित हुआ। इस पर कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है। यह हमारे लिए बिल्कुल भी मददगार नहीं था।’
ऐसा रहा मैच का हाल
आखिरी मिनटों में वंदना कटारिया के गोल के दम पर शानदार वापसी करने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम रोमांचक सेमीफाइनल में शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया से 0-3 से हार मिली। मैच के दसवें मिनट में ही रेबेका ग्रेइनेर के गोल के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद गोलकीपर कप्तान सविता पूनिया की अगुवाई में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय रक्षापंक्ति ने ऑस्ट्रेलिया को बांधे रखा।
तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम के लिये बराबरी का गोल 49वें मिनट में सुशीला के पास पर वंदना कटारिया ने किया। विवादित पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिये नेहा, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी गोल नहीं कर सकीं जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिये एम्ब्रोसिया मालोन, एमी लॉटन और कैटलीन नोब्स के शॉट निशाने पर लगे। भारत को पहले क्वार्टर में छह पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका। इसके बाद भारतीय रक्षापंक्ति ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया।